कर्म और पुनर्जन्म की मान्यता: बौद्ध, जैन और सिख परंपरा में अंतर

कर्म और पुनर्जन्म की मान्यता: बौद्ध, जैन और सिख परंपरा में अंतर

1. परिचय: कर्म और पुनर्जन्म की संकल्पना का भारतीय संदर्भभारतीय समाज में कर्म (कर्मा) और पुनर्जन्म (पुनर्जन्म) की मान्यता बहुत गहरी है। यह विचारधारा न केवल धार्मिक जीवन का हिस्सा…
नामांक द्वारा संतान और परिवारिक जीवन का विश्लेषण

नामांक द्वारा संतान और परिवारिक जीवन का विश्लेषण

1. नामांक का महत्व भारतीय संस्कृति मेंभारतीय संस्कृति में नामांक, जिसे हम अंग्रेज़ी में Name Number या Numerology Number भी कहते हैं, का विशेष स्थान है। यह विश्वास किया जाता…
राहु-केतु ग्रह शांति के उपाय और पुनर्जन्म से जुड़ी मान्यताएँ

राहु-केतु ग्रह शांति के उपाय और पुनर्जन्म से जुड़ी मान्यताएँ

1. राहु-केतु ग्रह का महत्व भारतीय ज्योतिष मेंभारतीय ज्योतिष शास्त्र में राहु और केतु दो छाया ग्रह माने जाते हैं। ये भौतिक रूप से अस्तित्व में नहीं होते, बल्कि यह…
धार्मिक ग्रंथों में राहु-केतु और जन्म-जन्मान्तर के संकेत

धार्मिक ग्रंथों में राहु-केतु और जन्म-जन्मान्तर के संकेत

1. राहु-केतु का धार्मिक ग्रंथों में उल्लेखभारतीय वेद, पुराण और उपनिषदों में राहु और केतु का महत्वभारतीय संस्कृति में राहु और केतु दो ऐसे ग्रह हैं जिनका उल्लेख प्राचीन धार्मिक…
भाग्य रेखा और संतुलित जीवन: संतुलन और असंतुलन के संकेत हस्तरेखा शास्त्र में

भाग्य रेखा और संतुलित जीवन: संतुलन और असंतुलन के संकेत हस्तरेखा शास्त्र में

1. हस्तरेखा शास्त्र में भाग्य रेखा का महत्वभारतीय संस्कृति में भाग्य रेखा क्या है?भारतीय हस्तरेखा शास्त्र में, भाग्य रेखा (Fate Line) को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। यह रेखा…
भवन निर्माण में मुख्य वास्तु दोष और उन्हें ठीक करने के उपाय

भवन निर्माण में मुख्य वास्तु दोष और उन्हें ठीक करने के उपाय

वास्तु दोष का परिचयभारत में भवन निर्माण के समय वास्तु शास्त्र का विशेष महत्व है। वास्तु शास्त्र एक प्राचीन भारतीय विज्ञान है, जो भवनों के निर्माण, दिशा, स्थान और ऊर्जा…
घर-परिवार में क्लेश दूर करने के लिए प्रभावी उपाय

घर-परिवार में क्लेश दूर करने के लिए प्रभावी उपाय

1. क्लेश के कारणों की पहचान करनाघर-परिवार में क्लेश क्यों होते हैं?भारतीय समाज में परिवार को बहुत महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है। लेकिन कई बार घर में आपसी विवाद, मतभेद या…
पृथ्वी और जल रेखाएं: व्यक्तित्व तथा जीवन दिशा

पृथ्वी और जल रेखाएं: व्यक्तित्व तथा जीवन दिशा

1. भूमि रेखा का अर्थ और सांस्कृतिक महत्वभारतीय हस्तरेखा शास्त्र में भूमि रेखा क्या है?भारतीय हस्तरेखा शास्त्र में भूमि रेखा, जिसे पृथ्वी रेखा भी कहा जाता है, हथेली पर मुख्य…
वैदिक साहित्य में राहु और केतु का महत्व और ऐतिहासिक उत्पत्ति

वैदिक साहित्य में राहु और केतु का महत्व और ऐतिहासिक उत्पत्ति

1. वैदिक साहित्य में राहु और केतु की पौराणिक कथाएँराहु और केतु का वैदिक उत्पत्ति प्रसंगवैदिक साहित्य में राहु और केतु को छाया ग्रह कहा जाता है, जिनका उल्लेख विशेष…
बाल हस्तरेखा: बच्चों के भविष्य की पूर्वसूचना

बाल हस्तरेखा: बच्चों के भविष्य की पूर्वसूचना

1. बाल हस्तरेखा का परिचयभारतीय संस्कृति में हस्तरेखा विज्ञान का स्थानभारत में हस्तरेखा विज्ञान (Palmistry) एक प्राचीन विद्या है, जिसे समुद्र शास्त्र के नाम से भी जाना जाता है। यह…