1. कर्म का भारतीय दर्शनभारत में कर्म केवल एक शब्द नहीं, बल्कि जीवन जीने की एक गहन और व्यावहारिक विचारधारा है। "कर्म, संस्कार और राहु-केतु की दृष्टि" के संदर्भ में,…
भूमि का चयनपूजा स्थल के निर्माण के लिए भूमि का चयन भारतीय परंपरा में अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है। सही भूमि का चुनाव न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से बल्कि आध्यात्मिक…
1. राशि और नक्षत्र की भूमिका समझनाभारतीय ज्योतिष में मोक्ष, अर्थात् आत्मा की परम मुक्ति, जीवन का सर्वोच्च लक्ष्य माना गया है। इस संदर्भ में बारह राशियाँ (राशि चक्र) और…
1. नवांश क्या है और ज्योतिष में इसका महत्वइस सेक्शन में नवांश कुंडली की व्याख्या की जाएगी, भारत के पारंपरिक ज्योतिष शास्त्र में इसकी भूमिका और विशेष उपयोगिता पर चर्चा…
1. परिचय: कर्म और पुनर्जन्म की संकल्पना का भारतीय संदर्भभारतीय समाज में कर्म (कर्मा) और पुनर्जन्म (पुनर्जन्म) की मान्यता बहुत गहरी है। यह विचारधारा न केवल धार्मिक जीवन का हिस्सा…
1. नामांक का महत्व भारतीय संस्कृति मेंभारतीय संस्कृति में नामांक, जिसे हम अंग्रेज़ी में Name Number या Numerology Number भी कहते हैं, का विशेष स्थान है। यह विश्वास किया जाता…
1. राहु-केतु ग्रह का महत्व भारतीय ज्योतिष मेंभारतीय ज्योतिष शास्त्र में राहु और केतु दो छाया ग्रह माने जाते हैं। ये भौतिक रूप से अस्तित्व में नहीं होते, बल्कि यह…
1. राहु-केतु का धार्मिक ग्रंथों में उल्लेखभारतीय वेद, पुराण और उपनिषदों में राहु और केतु का महत्वभारतीय संस्कृति में राहु और केतु दो ऐसे ग्रह हैं जिनका उल्लेख प्राचीन धार्मिक…
1. हस्तरेखा शास्त्र में भाग्य रेखा का महत्वभारतीय संस्कृति में भाग्य रेखा क्या है?भारतीय हस्तरेखा शास्त्र में, भाग्य रेखा (Fate Line) को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। यह रेखा…
वास्तु दोष का परिचयभारत में भवन निर्माण के समय वास्तु शास्त्र का विशेष महत्व है। वास्तु शास्त्र एक प्राचीन भारतीय विज्ञान है, जो भवनों के निर्माण, दिशा, स्थान और ऊर्जा…