योग और मोक्ष: श्रीमद्भगवद्गीता में कर्म तथा मोक्ष का संबंध

योग और मोक्ष: श्रीमद्भगवद्गीता में कर्म तथा मोक्ष का संबंध

1. परिचय: गीता में योग और मोक्ष की अवधारणाश्रीमद्भगवद्गीता भारतीय आध्यात्मिकता का एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है, जिसमें योग और मोक्ष की अवधारणाएँ केंद्रीय भूमिका निभाती हैं। योग संस्कृत शब्द है,…
राशि और नक्षत्रों के अनुसार मोक्ष प्राप्ति की संभावनाएँ

राशि और नक्षत्रों के अनुसार मोक्ष प्राप्ति की संभावनाएँ

1. राशि और नक्षत्र की भूमिका समझनाभारतीय ज्योतिष में मोक्ष, अर्थात् आत्मा की परम मुक्ति, जीवन का सर्वोच्च लक्ष्य माना गया है। इस संदर्भ में बारह राशियाँ (राशि चक्र) और…
कर्म और पुनर्जन्म के ऐतिहासिक सिद्धांत: वेदों से आधुनिकता तक

कर्म और पुनर्जन्म के ऐतिहासिक सिद्धांत: वेदों से आधुनिकता तक

1. कर्म और पुनर्जन्म की अवधारणा: परिभाषा और सांस्कृतिक पृष्ठभूमिकर्म क्या है?भारतीय संस्कृति में कर्म शब्द का अर्थ कार्य, क्रिया या एक्शन से है। वेदों और उपनिषदों में कर्म को…
पुनर्जन्म का तात्पर्य: भारतीय दर्शन में पुनर्जन्म की व्याख्या

पुनर्जन्म का तात्पर्य: भारतीय दर्शन में पुनर्जन्म की व्याख्या

1. पुनर्जन्म का परिचय और भारतीय सांस्कृतिक परिप्रेक्ष्यपुनर्जन्म क्या है?पुनर्जन्म, जिसे हिंदी में "फिर से जन्म लेना" कहा जाता है, भारतीय दर्शन और संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह…
कर्म सिद्धांत: हिंदू धर्म में मूल भूत अवधारणा व उसका विकास

कर्म सिद्धांत: हिंदू धर्म में मूल भूत अवधारणा व उसका विकास

1. कर्म सिद्धांत का वैदिक एवं उपनिषदिक आधारवैदिक काल में कर्म की अवधारणाभारतीय संस्कृति में कर्म का सिद्धांत अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान रखता है। वैदिक काल में, कर्म शब्द मुख्यतः यज्ञ,…