वैदिक साहित्य में राहु और केतु का महत्व और ऐतिहासिक उत्पत्ति

वैदिक साहित्य में राहु और केतु का महत्व और ऐतिहासिक उत्पत्ति

1. वैदिक साहित्य में राहु और केतु की पौराणिक कथाएँराहु और केतु का वैदिक उत्पत्ति प्रसंगवैदिक साहित्य में राहु और केतु को छाया ग्रह कहा जाता है, जिनका उल्लेख विशेष…
समुद्रगुप्त से चाणक्य तक: वैदिक ज्योतिष का साम्राज्य विस्तार पर प्रभाव

समुद्रगुप्त से चाणक्य तक: वैदिक ज्योतिष का साम्राज्य विस्तार पर प्रभाव

परिचय: सम्राट समुद्रगुप्त से आचार्य चाणक्य तक का ऐतिहासिक संदर्भभारतीय इतिहास में समुद्रगुप्त और चाणक्य दोनों ही अत्यंत प्रभावशाली व्यक्तित्व रहे हैं। इन दोनों महान विभूतियों के युग को समझना…
राजवंशों और राजतिलक में मुहूर्त: ऐतिहासिक उदाहरण और शोध

राजवंशों और राजतिलक में मुहूर्त: ऐतिहासिक उदाहरण और शोध

1. राजवंशों का परिचय और ऐतिहासिक पृष्ठभूमिभारत के इतिहास में राजवंशों का विशेष महत्व रहा है। प्राचीन काल से लेकर मध्यकाल तक, अनेक राजवंशों ने भारतीय उपमहाद्वीप पर शासन किया…
महर्षि पराशर और बृहत्पाराशर होरा शास्त्र: वैदिक ज्योतिष की आधारशिला

महर्षि पराशर और बृहत्पाराशर होरा शास्त्र: वैदिक ज्योतिष की आधारशिला

1. महर्षि पराशर का जीवन और योगदानमहर्षि पराशर: एक संक्षिप्त परिचयमहर्षि पराशर प्राचीन भारत के महान ऋषियों में से एक माने जाते हैं। वे वैदिक काल के प्रसिद्ध संत थे,…
ऋग्वेद से ब्राह्मण ग्रंथों तक: वैदिक ज्योतिष का विकास

ऋग्वेद से ब्राह्मण ग्रंथों तक: वैदिक ज्योतिष का विकास

1. वैदिक साहित्य का ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्यऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद और अथर्ववेद की उत्पत्तिभारतीय सभ्यता का आधार माने जाने वाले चार वेद—ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद और अथर्ववेद—भारत के प्राचीनतम ग्रंथ हैं। इनका उद्भव…
वैदिक ज्योतिष का उद्भव और इतिहास: प्राचीन ग्रंथों से आधुनिक युग तक

वैदिक ज्योतिष का उद्भव और इतिहास: प्राचीन ग्रंथों से आधुनिक युग तक

1. वैदिक ज्योतिष की उत्पत्ति और वैदिक दर्शन में स्थानवैदिक ज्योतिष, जिसे संस्कृत में "ज्योतिष शास्त्र" कहा जाता है, भारतीय संस्कृति और परंपरा का एक अत्यंत महत्वपूर्ण भाग है। इसकी…