1. कुंडली मिलान: भारतीय परंपरा में इसका महत्वभारत में विवाह केवल दो व्यक्तियों का मेल नहीं होता, बल्कि यह दो परिवारों के बीच एक पवित्र बंधन है। इसी वजह से…
1. सप्तम भाव और विवाह: आधारभूत परिचयभारतीय वैदिक ज्योतिष में सप्तम भाव (सातवां घर) को विवाह, जीवनसाथी, दांपत्य जीवन और साझेदारी का भाव माना जाता है। यह भाव जन्मकुंडली में…
कुंडली मिलान का परिचय और उसका महत्वभारत में विवाह न केवल दो व्यक्तियों, बल्कि दो परिवारों और संस्कृतियों का मिलन होता है। इसी प्रक्रिया में कुंडली मिलान की परंपरा अत्यंत…
1. ज्योतिष में वर्ग चार्ट्स का महत्वभारतीय ज्योतिष (वैदिक एस्ट्रोलॉजी) में मुख्य कुंडली के अलावा विभिन्न वर्ग चार्ट्स, जिन्हें वर्ग कुंडली या वर्ग चक्र कहा जाता है, का महत्वपूर्ण स्थान…
राजयोग का परिचय और सांस्कृतिक महत्वभारतीय ज्योतिष में राजयोग एक अत्यंत महत्वपूर्ण और प्रतिष्ठित योग माना जाता है। यह योग व्यक्ति की कुंडली में ग्रहों की विशेष स्थिति, दशा (ज्योतिषीय…
1. कुंडली मिलान में नाड़ी दोष क्या है?भारतीय वैदिक ज्योतिष में जब दो लोगों की शादी के लिए कुंडली मिलान किया जाता है, तो नाड़ी दोष एक महत्वपूर्ण कारक होता…
दशा और गोचर का परिचय एवं महत्वभारतीय ज्योतिष में दशा (दशाएँ) और गोचर (संक्रमण) दो प्रमुख आधार हैं, जिनके माध्यम से किसी व्यक्ति के जीवन की घटनाओं का समय निर्धारण…
1. नवांश कुंडली और लग्न कुंडली का परिचयभारतीय ज्योतिष में कुंडली का अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है। दो मुख्य प्रकार की कुंडलियाँ—लग्न कुंडली (Lagna Kundali) और नवांश कुंडली (Navamsa Kundali)—हर जातक…
1. नवांश चार्ट का परिचयनवांश (Navamsa) चार्ट क्या है?नवांश चार्ट भारतीय ज्योतिष के दार्शनिक स्तंभों में से एक है। यह कुण्डली का एक विशेष भाग होता है, जिसे D-9 चार्ट…
1. नवांश कुण्डली का महत्व भारतीय ज्योतिष मेंभारतीय वैदिक ज्योतिष में नवांश कुण्डली (Navamsa Kundli) का विशेष स्थान है। यह जन्म कुण्डली (Janma Kundli) का एक महत्वपूर्ण विभाजन है, जिसे…