मनोरथ सिद्धि और नवांश चार्ट की मानव जीवन में भूमिका

मनोरथ सिद्धि और नवांश चार्ट की मानव जीवन में भूमिका

1. परिचय: मनोरथ सिद्धि का वैदिक महत्वभारतीय संस्कृति में मनोरथ, अर्थात् इच्छाओं की पूर्ति, जीवन का एक अभिन्न अंग माना गया है। वैदिक शास्त्रों के अनुसार, प्रत्येक मानव जीवन में…
भारतीय राज्यों में पारंपरिक कुंडली पद्धतियों का तुलनात्मक अध्ययन

भारतीय राज्यों में पारंपरिक कुंडली पद्धतियों का तुलनात्मक अध्ययन

1. परिचय एवं अध्ययन की आवश्यकताभारत एक विशाल और सांस्कृतिक रूप से विविध देश है, जहाँ प्रत्येक राज्य की अपनी विशिष्ट परंपराएँ, रीति-रिवाज और धार्मिक आस्थाएँ हैं। इन विविधताओं के…
द्रष्टरि कुंडली और गोचर: भारतीय सामुद्रिक और ज्योतिषीय समन्वय

द्रष्टरि कुंडली और गोचर: भारतीय सामुद्रिक और ज्योतिषीय समन्वय

प्रस्तावना: दर्शन और ज्योतिष का भारतीय सन्दर्भभारतीय संस्कृति की गहनता में, द्रष्टरि अर्थात् दृष्टा का स्थान अत्यंत महत्वपूर्ण रहा है। वेदों में कहा गया है—“ऋषयो मन्तरद्रष्टारः”—अर्थात् जो सत्य को देखने…
नवांश कुंडली और विवाह के योग: विस्तारपूर्वक विश्लेषण

नवांश कुंडली और विवाह के योग: विस्तारपूर्वक विश्लेषण

1. नवांश कुंडली का महत्वभारतीय ज्योतिष में नवांश कुंडली का अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है। इसे जन्म कुंडली का सूक्ष्म विश्लेषण मानते हैं, विशेषकर जब बात विवाह और जीवनसाथी के योगों…
व्यावहारिक जीवन में नवांश चार्ट का उपयोग: भारतीय दृष्टिकोण

व्यावहारिक जीवन में नवांश चार्ट का उपयोग: भारतीय दृष्टिकोण

नवांश चार्ट का ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्त्वभारत में ज्योतिष शास्त्र का इतिहास सहस्राब्दियों पुराना है, जिसमें नवांश चार्ट (Navamsa Chart) का विशिष्ट स्थान रहा है। नवांश शब्द नव (अर्थात् नौ)…
राहु-केतु की दशा और गोचर: भय, भ्रांतियाँ और ज्योतिषीय उपचार

राहु-केतु की दशा और गोचर: भय, भ्रांतियाँ और ज्योतिषीय उपचार

1. राहु-केतु की ज्योतिषीय विवेचनाभारतीय खगोलीय परंपरा में राहु और केतु का अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है। ये दोनों छाया ग्रह न केवल पौराणिक कथाओं में, बल्कि ज्योतिष शास्त्र में भी…
कुंडली मिलान नकारात्मक हो तो समाधान क्या है?

कुंडली मिलान नकारात्मक हो तो समाधान क्या है?

1. कुंडली मिलान का महत्व भारतीय संस्कृति मेंभारतीय समाज में विवाह सिर्फ दो व्यक्तियों का नहीं, बल्कि दो परिवारों का भी मिलन माना जाता है। इसी कारण से विवाह से…
संतान सुख और ग्रहों की दृष्टि के संकेत

संतान सुख और ग्रहों की दृष्टि के संकेत

1. परिचय: संतान सुख का महत्त्व भारतीय जीवन मेंभारतीय समाज में संतान सुख को अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है। यह न केवल व्यक्तिगत जीवन की पूर्णता का प्रतीक माना जाता…
नवांश में शुभ और अशुभ योगों की पहचान और उनका प्रभाव

नवांश में शुभ और अशुभ योगों की पहचान और उनका प्रभाव

1. नवांश क्या है और ज्योतिष में इसका महत्वइस सेक्शन में नवांश कुंडली की व्याख्या की जाएगी, भारत के पारंपरिक ज्योतिष शास्त्र में इसकी भूमिका और विशेष उपयोगिता पर चर्चा…
चतुर्थ भाव: परिवार, मातृत्व और भावनात्मक सुरक्षा का केंद्र

चतुर्थ भाव: परिवार, मातृत्व और भावनात्मक सुरक्षा का केंद्र

1. चतुर्थ भाव का तात्त्विक महत्वभारतीय ज्योतिष शास्त्र में चतुर्थ भाव को बहुत ही विशेष स्थान प्राप्त है। यह भाव हमारे जीवन के मूल आधार—परिवार, मातृत्व और भावनात्मक सुरक्षा—का केंद्र…