राहु-केतु की दशा और गोचर: भय, भ्रांतियाँ और ज्योतिषीय उपचार

राहु-केतु की दशा और गोचर: भय, भ्रांतियाँ और ज्योतिषीय उपचार

1. राहु-केतु की ज्योतिषीय विवेचनाभारतीय खगोलीय परंपरा में राहु और केतु का अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है। ये दोनों छाया ग्रह न केवल पौराणिक कथाओं में, बल्कि ज्योतिष शास्त्र में भी…
राजयोग का निर्माण: विशिष्ट दशा और गोचर संयोजन व्याख्या

राजयोग का निर्माण: विशिष्ट दशा और गोचर संयोजन व्याख्या

राजयोग का परिचय और सांस्कृतिक महत्वभारतीय ज्योतिष में राजयोग एक अत्यंत महत्वपूर्ण और प्रतिष्ठित योग माना जाता है। यह योग व्यक्ति की कुंडली में ग्रहों की विशेष स्थिति, दशा (ज्योतिषीय…
दशा और गोचर से विवाह का समय निर्धारण: केस स्टडी सहित वास्तविक अनुभव

दशा और गोचर से विवाह का समय निर्धारण: केस स्टडी सहित वास्तविक अनुभव

दशा और गोचर का परिचय एवं महत्वभारतीय ज्योतिष में दशा (दशाएँ) और गोचर (संक्रमण) दो प्रमुख आधार हैं, जिनके माध्यम से किसी व्यक्ति के जीवन की घटनाओं का समय निर्धारण…
गोचर ग्रहों का जीवन पर प्रभाव: जन्मपत्री में गोचर की भूमिका समझें

गोचर ग्रहों का जीवन पर प्रभाव: जन्मपत्री में गोचर की भूमिका समझें

1. गोचर ग्रह क्या हैं?भारतीय ज्योतिष में गोचर शब्द का अर्थ है – ग्रहों की वर्तमान स्थिति, जब वे निरंतर अपनी कक्षाओं में चलते हुए अलग-अलग राशियों में प्रवेश करते…
विन्शोत्तरी दशा प्रणाली का गहन विश्लेषण: सिद्धांत, गणना और प्रभाव

विन्शोत्तरी दशा प्रणाली का गहन विश्लेषण: सिद्धांत, गणना और प्रभाव

विन्शोत्तरी दशा प्रणाली का इतिहास और महत्वभारतीय ज्योतिष, जिसे वैदिक ज्योतिष या ज्योतिष शास्त्र भी कहा जाता है, में विन्शोत्तरी दशा प्रणाली का अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है। यह प्रणाली समय…
दशा क्या है? जन्म कुंडली में दशा का सांस्कृतिक और ज्योतिषीय महत्त्व

दशा क्या है? जन्म कुंडली में दशा का सांस्कृतिक और ज्योतिषीय महत्त्व

1. दशा का अर्थ और उसका महत्वभारतीय ज्योतिष शास्त्र में दशा एक अत्यंत महत्वपूर्ण अवधारणा है। दशा शब्द का अर्थ होता है - समय की अवधि या जीवन के विशेष…