चतुर्थ भाव: परिवार, मातृत्व और भावनात्मक सुरक्षा का केंद्र

चतुर्थ भाव: परिवार, मातृत्व और भावनात्मक सुरक्षा का केंद्र

1. चतुर्थ भाव का तात्त्विक महत्वभारतीय ज्योतिष शास्त्र में चतुर्थ भाव को बहुत ही विशेष स्थान प्राप्त है। यह भाव हमारे जीवन के मूल आधार—परिवार, मातृत्व और भावनात्मक सुरक्षा—का केंद्र…
वैवाहिक जीवन में सप्तम भाव की प्रमुखता: योग और दोषों का अध्ययन

वैवाहिक जीवन में सप्तम भाव की प्रमुखता: योग और दोषों का अध्ययन

1. सप्तम भाव और विवाह: आधारभूत परिचयभारतीय वैदिक ज्योतिष में सप्तम भाव (सातवां घर) को विवाह, जीवनसाथी, दांपत्य जीवन और साझेदारी का भाव माना जाता है। यह भाव जन्मकुंडली में…
तृतीय भाव का महत्व: साहस, भाई-बहनों और संचार के संकेत

तृतीय भाव का महत्व: साहस, भाई-बहनों और संचार के संकेत

1. तृतीय भाव का ज्योतिषीय परिचयभारतीय वैदिक ज्योतिष में तृतीय भाव (तीसरा घर) एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। इसे साहस का भाव भी कहा जाता है, क्योंकि यह घर हमारे…
द्वितीय भाव (धन भाव) का गूढ़ अर्थ और भारतीय जीवन में इसकी भूमिका

द्वितीय भाव (धन भाव) का गूढ़ अर्थ और भारतीय जीवन में इसकी भूमिका

1. द्वितीय भाव (धन भाव) का परिचयज्योतिष शास्त्र में द्वितीय भाव क्या है?भारतीय ज्योतिष शास्त्र में बारह भाव होते हैं, जिनमें से द्वितीय भाव को धन भाव कहा जाता है।…
भावों का महत्व: जन्म कुण्डली में प्रथम भाव का संपूर्ण विश्लेषण

भावों का महत्व: जन्म कुण्डली में प्रथम भाव का संपूर्ण विश्लेषण

1. जन्म कुण्डली का महत्व और भावों की भूमिकाभारतीय ज्योतिष शास्त्र में जन्म कुण्डली (Birth Chart) का विशेष स्थान है। यह हर व्यक्ति के जन्म समय, स्थान और तारीख के…