वैवाहिक जीवन में सप्तम भाव की प्रमुखता: योग और दोषों का अध्ययन

वैवाहिक जीवन में सप्तम भाव की प्रमुखता: योग और दोषों का अध्ययन

1. सप्तम भाव और विवाह: आधारभूत परिचयभारतीय वैदिक ज्योतिष में सप्तम भाव (सातवां घर) को विवाह, जीवनसाथी, दांपत्य जीवन और साझेदारी का भाव माना जाता है। यह भाव जन्मकुंडली में…
बच्चों और छात्रों के जीवन में सूर्य ग्रह का प्रभाव

बच्चों और छात्रों के जीवन में सूर्य ग्रह का प्रभाव

सूर्य ग्रह का वैदिक ज्योतिष में महत्वबच्चों और छात्रों के जीवन में सूर्य ग्रह की भूमिकाहिंदू वैदिक ज्योतिष में सूर्य ग्रह को बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है। सूर्य…
ज्योतिष और वास्तु: ग्रह दोष के अनुसार वास्तु दोष निवारण

ज्योतिष और वास्तु: ग्रह दोष के अनुसार वास्तु दोष निवारण

1. ज्योतिष का परिचय और ग्रह दोष क्या हैज्योतिष विज्ञान की मूल बातेंभारत में ज्योतिष विज्ञान (Astrology) को वेदों के छः अंगों में से एक माना गया है। यह प्राचीन…
कौन से ग्रह बच्चों की मानसिकता को करते हैं प्रभावित

कौन से ग्रह बच्चों की मानसिकता को करते हैं प्रभावित

1. बच्चों की मानसिकता और ज्योतिष शास्त्र का महत्त्वभारतीय संस्कृति में बच्चों की मानसिकता के विकास को अत्यंत महत्त्वपूर्ण माना गया है। प्राचीन काल से ही भारतीय परिवारों में यह…
अलग-अलग भारतीय संस्कृतियों में कुंडली मिलान के तरीके

अलग-अलग भारतीय संस्कृतियों में कुंडली मिलान के तरीके

कुंडली मिलान का परिचय और उसका महत्वभारत में विवाह न केवल दो व्यक्तियों, बल्कि दो परिवारों और संस्कृतियों का मिलन होता है। इसी प्रक्रिया में कुंडली मिलान की परंपरा अत्यंत…
मूलांक 6: शुक्र का प्यार, सौंदर्य और विवाह संबंधी ज्योतिषीय संकेत

मूलांक 6: शुक्र का प्यार, सौंदर्य और विवाह संबंधी ज्योतिषीय संकेत

1. मूलांक 6 का परिचय और सांस्कृतिक महत्वभारतीय ज्योतिष में मूलांक 6 की भूमिकाभारतीय ज्योतिष शास्त्र में मूलांक 6 शुक्र ग्रह (Venus/शुक्र) से संबंधित है। जन्मतिथि के अंकों का योग…
भारतीय पंचांग: जन्म तारीख निर्धारण और पंचांग के भेद

भारतीय पंचांग: जन्म तारीख निर्धारण और पंचांग के भेद

1. भारतीय पंचांग का महत्व और ऐतिहासिक पृष्ठभूमिभारतीय पंचांग, जिसे कैलेंडर भी कहा जाता है, भारतीय संस्कृति और धार्मिक परंपराओं में अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान रखता है। प्राचीन काल से ही…
जीवन के चार पुरुषार्थ, कर्म और वापसी का संबन्ध

जीवन के चार पुरुषार्थ, कर्म और वापसी का संबन्ध

1. पुरुषार्थ की अवधारणा और सांस्कृतिक प्रासंगिकताभारतीय जीवन दर्शन में पुरुषार्थ का महत्वभारतीय संस्कृति में पुरुषार्थ शब्द का अर्थ है – मानव जीवन के वे चार मुख्य उद्देश्य, जिनके द्वारा…
महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए ज्योतिषीय उपाय

महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए ज्योतिषीय उपाय

1. महिलाओं की स्वास्थ्य समस्याएँ : ज्योतिषीय दृष्टिकोणभारतीय संस्कृति में महिलाओं के स्वास्थ्य को लेकर सदियों से विशेष ध्यान दिया जाता रहा है। यहाँ न केवल आयुर्वेद और योग, बल्कि…
अन्य वर्ग चार्ट्स (द्वादशांश, दशमांश, सप्तांश) का परिचय और उपयोग

अन्य वर्ग चार्ट्स (द्वादशांश, दशमांश, सप्तांश) का परिचय और उपयोग

1. ज्योतिष में वर्ग चार्ट्स का महत्वभारतीय ज्योतिष (वैदिक एस्ट्रोलॉजी) में मुख्य कुंडली के अलावा विभिन्न वर्ग चार्ट्स, जिन्हें वर्ग कुंडली या वर्ग चक्र कहा जाता है, का महत्वपूर्ण स्थान…