1. वास्तु दोष का अर्थ और महत्ववास्तु शास्त्र भारतीय संस्कृति में घर, भवन या किसी भी निर्माण स्थल की दिशा, स्थान और ऊर्जा के संतुलन को समझने की एक प्राचीन…
1. वास्तु दोष और ग्रहों के आपसी संबंधभारतीय संस्कृति में वास्तु शास्त्र का विशेष महत्व है। वास्तु दोष का अर्थ होता है – घर या कार्यालय में बनावट, दिशा या…
वास्तु शास्त्र में नौ ग्रहों की भूमिकापरिचयवास्तु शास्त्र, भारतीय पारंपरिक वास्तुकला का एक महत्वपूर्ण अंग है। इसमें नौ ग्रहों – सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, गुरु (बृहस्पति), शुक्र, शनि, राहु और…
1. वास्तु शास्त्र का ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्वभारतीय संस्कृति में वास्तु शास्त्र को प्राचीन काल से अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है। यह न केवल घर के निर्माण की एक वैज्ञानिक…
शुक्र ग्रह का ज्योतिष में महत्वभारतीय ज्योतिष शास्त्र में शुक्र ग्रह को प्रेम, विवाह, सुख और संबंधों का कारक माना जाता है। यह ग्रह जीवन में आनंद, भौतिक सुख-सुविधाएं और…
गुरु ग्रह का धार्मिक महत्व और सांस्कृतिक भूमिकाभारतीय संस्कृति में गुरु ग्रह, जिसे बृहस्पति भी कहा जाता है, का विशेष धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व है। इसे ज्ञान, धर्म, शिक्षा और…
1. बुध ग्रह का परिचय और धार्मिक महत्त्वभारतीय ज्योतिष में बुध ग्रह को बहुत विशेष स्थान प्राप्त है। यह ग्रह बुद्धि, संचार, तर्कशक्ति और शिक्षा का प्रतिनिधित्व करता है। बुध…
1. राहु का परिचय और खगोलीय महत्त्वभारतीय ज्योतिष और खगोलशास्त्र में राहु एक छाया ग्रह के रूप में महत्वपूर्ण स्थान रखता है। राहु को वास्तविक ग्रह नहीं माना जाता, बल्कि…
राहु और केतु : परिचय तथा पौराणिक महत्वभारतीय ज्योतिष में राहु और केतु को छाया ग्रह माना जाता है। ये दोनों भौतिक रूप से अस्तित्व में नहीं हैं, बल्कि यह…
राहु और केतु की उत्पत्ति और पौराणिक कथाएँभारतीय ज्योतिष में राहु और केतु का विशेष स्थान है। इन दोनों ग्रहों को छाया ग्रह कहा जाता है, यानी इनका भौतिक रूप…