गुरु ग्रह का परिचय और वैदिक ज्योतिष में उसका महत्वभारतीय संस्कृति में गुरु, जिसे बृहस्पति भी कहा जाता है, अत्यंत विशिष्ट एवं पूज्य स्थान रखता है। वैदिक ग्रंथों में गुरु…
1. प्रश्न ज्योतिष का परिचयभारतीय वेदों और पुराणों में समय-समय पर मनुष्य के जीवन में उत्पन्न होने वाली जिज्ञासाओं और समस्याओं के समाधान हेतु विविध ज्योतिषीय विधाओं का उल्लेख मिलता…
परिचय: नाखूनों पर धारियों का सामान्य दृश्यभारतीय समाज में नाखूनों पर उभरने वाली धारियाँ एक आम दृश्य हैं, जिन्हें अक्सर लोग अनदेखा कर देते हैं या फिर उन्हें किसी विशेष…
नक्षत्र का परिचय और उनकी ऐतिहासिक पृष्ठभूमिभारतीय संस्कृति में नक्षत्रों का अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान रहा है। नक्षत्र, जिन्हें अंग्रेज़ी में ‘lunar mansions’ कहा जाता है, भारतीय ज्योतिष शास्त्र के मूल…
वास्तु दोष का परिचय और महत्वभारत की पारंपरिक वास्तुकला में, वास्तु दोष शब्द का विशेष महत्व है। वास्तु शास्त्र एक प्राचीन भारतीय विज्ञान है जो भवन निर्माण, दिशा, स्थान और…
मंगल दोष क्या है?भारतीय ज्योतिष शास्त्र में मंगल दोष, जिसे आमतौर पर मंगली दोष या कुंडली में मंगल दोष भी कहा जाता है, एक महत्वपूर्ण ग्रह दोष माना जाता है।…
1. परिचय: मनोरथ सिद्धि का वैदिक महत्वभारतीय संस्कृति में मनोरथ, अर्थात् इच्छाओं की पूर्ति, जीवन का एक अभिन्न अंग माना गया है। वैदिक शास्त्रों के अनुसार, प्रत्येक मानव जीवन में…
1. नामांक और जन्मांक का महत्व भारतीय संस्कृति मेंभारतीय समाज में नामांक (Name Number) और जन्मांक (Birth Number) की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक भूमिका अत्यंत गहन है। प्राचीन काल से ही…
1. शनि ग्रह का भारतीय ज्योतिष में महत्वशनि ग्रह भारतीय ज्योतिष में एक अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान रखता है। इसे नवग्रहों में से एक माना जाता है और इसका संबंध कर्म,…
1. मानवाधिकार की वर्तमान परिभाषा और भारतीय संदर्भभारतीय संविधान में मानवाधिकारों की व्याख्यामानवाधिकार वह मौलिक अधिकार हैं, जो प्रत्येक व्यक्ति को केवल उसके मानव होने के नाते प्राप्त होते हैं।…